Sunday, January 31, 2010

ठाकरे की करतूत पर सरकार की चुप्पी

महाराष्ट्र में मौजूदा समय में जो हो रहा है वह पूरे देश के लिए शर्मनाक है। पहले राजठाकरे का उत्तर भारतीयों पर हमला बोलना और अब बाल ठाकरे द्वारा किंग खान को निशाना बनाया जाना। यह पूरा प्रकरण राजनीतिक स्टंट का नजीता मालूम पड़ता है।

अगर यह कोई राजनीतिक स्टंट न होती तो अब तक महाराष्ट्र सरकार कोई न कोई सख्त कदम उठा लेती। लेकिन चाहे उत्तर भारतीय पर हमले का मामला रहा हो या फिर जया बच्चन, लालू प्रसाद यादव, सचिन तेंडुलकर, आमिर खान और अब शाहरुख का, इन सभी मामले में सरकार पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।

भाषावाद के नाम पर जिस तरह से देश को बांटा जा रहा है वह बेहद ही दुखद है। शाहरुख खान ने आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को खिलाने की बात कही थी। बस इतनी सी बात पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे आग बबूला होकर उन्हें देश से बाहर तक चले जाने का फरमान सुना डाला। यहां तक कि 12 फरवरी को किंग खान की आने वाली फिल्म माय नेम इज खान का भी शिवसेना जमकर विरोध कर रही है। पोस्टर जला रही, थिएटर मालिकों को धमकी भी दी जा रही है।

आखिर शाहरूख खान ने ऐसी क्या बात कह दी जो ठाकरे को नहीं अच्छी लगी। खान ने जो बातें कहीं वह पूरा देश जानता है फिर ठाकरे को इसमें देश के खिलाफ क्या दिख गया। क्या यही भारत के सबसे बड़े देश भक्त हैं, दूसरा कोई देश की भलाई नहीं चाहता।

खैर, ठाकरे के कारनामे को देश की जनता देख रही है लेकिन इतनी चुप्पी मारकर बैठना क्या ठीक है, क्या सरकार को ठाकरे के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाना चाहिए। क्या यही देश की एकता और अखंडता है।

Friday, January 29, 2010

ठाकरे Terror: 'धमकी सियासत' के महानायक

स्पेशलः महाराष्ट्र में आए दिन शिवसेना की तरफ से घुड़कियों का दौर चलता ही रहता है। चाहे वह किंग खान पर रही हो या फिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर पर। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे अब भले ही उम्र दराज हो गए हों लेकिन उनमें जोश अब भी बाकी है। विभिन्न मुद्दों पर शिवसेना की तरफ से दी गई धमकियां राजनीति के इस खतरनाक चेहरे को दिखा रही हैं।


1 - मुंबई पर हर भारतीय का अधिकार है, इस बयान को मुकेश अंबानी ने दिया था। जिस बात पर शिवसेना प्रमख बाल ठाकरे ने मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर अंबानी को चेतावनी दी है कि वे मराठियों के रास्ते में न आएं तो अच्छा होगा। मुंबई सिर्फ मराठियों की है और उस पर किसी अन्य का दावा हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

2 - ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में शिवसेना ने धमकी दी थी कि अगर आईपीएल मैच मुंबई में होगा तो वे इसका विरोध करेंगे साथ ही किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को मैदान पर नहीं उतरने देंगे।

3 - बाल ठाकरे ने सचिन तेंदुलकर को धमकी भरे लहजे में कहा कि वो अपने खेल पर ध्यान दें और राजनीति में दखल देने की कोशिश न करें। बाल ठाकरे ने सामना में छपे अपने लेख में सचिन के उस बयान के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो पहले भारतीय हैं और बाद में मराठी।

ठाकरे ने सचिन की यह कहकर खिंचाई की है कि सचिन उस समय पैदा भी नहीं हुए थे जब लोगों ने मुंबई को महाराष्ट्र में बनाए रखने के लिए अपना खून बहाया। ठाकरे के मुताबिक सचिन ने खेल की दुनिया में काफी नाम कमाया है और लोग उन्हे प्यार करते हैं इसलिए उन्हे राजनीति में दखल देकर उस कमाई को बर्बाद नहीं करना चाहिए।

4 - बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को भी शिवसेना धमकी दे चुकी है। शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय लेख में शाहरुख़ की दिल्ली की पृष्ठभूमि पर टिप्पणी की थी। ठाकरे सामना मे लिखा था कि शाहरुख़ ख़ान कहते हैं कि वे दिल्लीवाले हैं।

यदि आप दिल्ली के हैं तो महाराष्ट्र क्यों आए हैं? महाराष्ट्र में नाम और धन कमाने आप आते हैं और एक बार जब आपको ये चीजें मिल जाती हैं तो आप उस जगह का नाम जपने लगते हैं जहां से आप आए थे। और महाराष्ट्र के लोगों से अपेक्षा यह की जाती है कि वे अपने ही राज्य में एक शब्द भी न बोलें।


5 - मुंबई में टीवी चैनल आईबीएन लोकमत के दफ्तर में 15 कथित शिवसैनिकों ने हमला किया था। ये लोग चैनल के दफ्तर में घुस आए, फर्नीचर तोड़ दिया, कर्मचारियों से मारपीट की और चैनल के संपादक निखिल वागले पर भी हमला किया।

श्री वागले वरिष्ठ मराठी संपादक हैं और शिवसेना की अतिवादी नीतियों के खिलाफ खुल कर बोलने वाले पत्रकारों में से हैं। हमले को बाद में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सामना में छपे लेख में जायज ठहराया था।

6 - बाल ठाकरे मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। बाल ठाकरे का कहना था कि मीडिया कोई भगवान नहीं है। हालांकि इस बात को कहने के लिए बाल ठाकरे ने मीडिया का ही सहारा लिया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लेख लिखकर बाल ठाकरे ने मुंबई में मीडिया हाउसों पर हुए हमले को जायज बताया। बाल ठाकरे ने लिखा कि शिवसेना प्रमुख के खिलाफ गलत बयानबाजी करने वालों को ठोका, तोड़ा और फोड़ा।

7 - महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दरमिया उद्धव ने राज को धमकाया और कहा था कि 10 के बाद बोला तो खैर नहीं। शिवसेना के कार्यकारी अघ्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को न केवल चूहा बताया बल्कि यह धमकी भी दे दी कि दस अक्टूबर के बाद उसने शिवसेना या बाल ठाकरे के खिलाफ कुछ बोला तो उसकी खैर नहीं होगी।


उद्धव ठाकरे ने जोगेश्वरी की एक सभा में अपने चचेरे भाई और एमएनएस अघ्यक्ष राज ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग शिवसेना-भाजपा की आलोचना कर रहे हैं, मगर कांग्रेस-एनसीपी को छूने की हिम्मत भी नहीं करते।

8 - बाल ठाकरे ने राज ठाकरे के बढ़ते आतंक से अजीज आकर उन्हें जिन्ना करार दिया। उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को चूहा कहा, उन्हें टुक़डे-टुक़डे कर देने की धमकी दी, साथ ही उन्हें बाल ठाकरे की पीठ में छुरा घोपने वाला करार दिया था।

9 - यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव भी शिव सेना के निशाने पर रह चुके हैं। रेलवे में मराठियों को नौकरी न मिलने पर लालू प्रसाद यादव को शिवसेना ने जिम्मेदार ठहराया था। मुखपत्र सामना में आरोप लगाया गया था कि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की वजह से रेलवे में मराठियों को नौकरी नहीं मिल रही है।

10 - भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की इंडियन प्रीमियर लीग को 'उद्योगपतियों का जुआ' बताते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग भी कर चुके हैं। हालांकि इस बात पर भले ही गौर न किया गया हो।

11 - शिवसेना का सबसे बड़ा आतंक उस समय देखने को मिला था जब इनके कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान को पूरे तरह से खोद दिया था। यहां पर भारत और पाकिस्तान का मैच खेला जाना था। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का विरोध कर रहे बाल ठाकरे के इशारे पर भारत और पाक का मैच नहीं हो सका था।

ठाकरे ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को बहाल करने का विरोध किया था और उनकी पार्टी के विरोध के कारण 1979 के बाद से पाकिस्तान मुंबई में कोई टेस्ट मैच नहीं खेल पाया। जिसके काफी दिन बाद बाल ठाकरे ने पाकिस्तानी क्रिकेट से अपने संबंध अच्छे करने के लिए क्रिकेटर मियांदाद से मुलाकात की थी।

भतीजा भी बयानों में बाल ठाकरे से कम नहीं...

शिवसेना छोड़कर मनसे पार्टी बनाने वाले बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे भी सुर्खियों में अपने बयानों के चलते ही बन रहते हैं। उनका सबसे ज्यादा विरोध उत्तर भारतीयों को लेकर रहा है। उत्तर भारतीयों को महाराष्ट्र से बाहर खदेड़ने के लिए, नेताओं को धमकाने, फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन, अमिताभ बच्चन और कई हस्तियों को राज ठाकरे घुटनों के बल खड़ा कर चुके हैं। अभी दो दिन पहले मुकेश अंबानी पर भी राज ठाकरे गरज चुके हैं।

Thursday, January 28, 2010

विलेन बन गए अमर

कल जहां पर अमर सिंह को एक हीरो की तरह समाजवादी पार्टी में देखा जा रहा था आज वहीं पर पूरा माहौल ही बदल गया है। पार्टी में पता नहीं ऐसी क्या बात हो गई कि अमर बरसों का साथ तत्काल प्रभाव से त्याग दिया।

समाजवादी पार्टी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले अमर सिंह पर कल तक उनके सबसे करीबी अब दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। हालांकि अमर के पार्टी छोड़ने के बाद मुलायम ने एक बार फिर से नई क्रिकेट टीम तैयार कर ली है। हां यह बात भले है कि उनकी नई टीम में उनके ही अपने हैं।
मुलायम ने 27 जनवरी के दिन अपनी नई टीम में तीन महासचिव और एक राष्टीय प्रवक्ता की नियुक्ती तो कर दी लेकिन अमर को भी कुछ हिंट दे दिया। हिंट यह कि आपके भरोसे सपा नहीं थी, आपके जाने से हमारा कुछ नहीं बिगड़ने वाला है। सपा ने यहां तक कि उनसे राज्यसभा से इस्तीफा भी देने की मांग कर डाली।

लेकिन दूसरी तरफ अमर सिंह ने भी अब कमर कस ली है कि वे पीछे मुड़ कर नहीं देखेंगे। वे अब एक नई पारी की शुरुआत करने का मन बना रहे हैं। अमर की इस नई पारी में उन्हें बॉलीवुड और कुछ राजनीतिक पार्टियों से अच्छा-खासा समर्थन भी मिल रहा है। अमर के सपा छोड़ने के बाद मुन्नाभाई ने भी मुलायम को बाय-बाय कह दिया है।

मुन्नाभाई तो अमर के साथ है ही लेकिन दोनों जया भी इनके साथ कुछ नया कर सकते हैं। हालांकि अभी तक ऐसे कुछ संकेत नहीं मिले हैं फिर भी मुन्नाभाई द्वारा उठाए गए कदम को देखकर ऐसा कयास लगाया जा रहा है।

तो अमर भाई साहब अब क्या एक नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले हैं या फिर इससे संन्यास लेकर कुछ सामाजिक कार्यों में लग सकते हैं।

Wednesday, January 27, 2010

साधना या तंत्र-मंत्रःआसाराम का आश्रम

विशेषः आध्यात्मिक गुरू माने जाने वाले आसाराम बापू के सत्संग में हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ता है लेकिन विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में चार छात्रों की मौत के बाद जो खुलासा हुआ उससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि आश्रम में कहीं ना कहीं कुछ उलटफेर जरूर हो रहा है। छात्रों की मौत, व्यापारी का लापता होना, चांडक पर जानलेवा हमला यह साबित करता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। आइए पूरे मामले पर नजर डालते हैं...

अहमदाबाद. आध्यात्मिक गुरू माने जाने वाले आसाराम बापू के आश्रम स्थित गुरुकुल में दो छात्रों की 3 व 5 जुलाई को संदिग्ध परिस्थतियों में हुई मौत का मामला प्रकाश में आया पिछले साल 3 जुलाई को लापता दोनों बालकों दीपेश व अभिषेक के शव 5 जुलाई 2008 को आश्रम परिसर में मिलने से सनसनी फैल गई थी। वे दोनों चचेरे भाई थे।

इसके बाद बापू की मुश्किलें एक बार फिर और बढ़ गई जब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम बापू ट्रस्ट द्वारा चलाए जाने वाले एक स्कूल में भी (31 जुलाई 2008) तीन दिनों में दो बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। ये बच्चे भी बापू ट्रस्ट के द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल में पढ़ते थे जो नदी के पास में स्थित है। वेदांत (छात्र) और रामकृष्ण यादव की लाश स्कूल के बाथरूम में पाई गई थी।

मामले की जांच कर रहे आयोग ने इस बात पर संदेह जताया कि घटना की रात दोनों बालक स्नान करने के लिए साबरमती नदी में गए थे। आयोग के मुताबिक उस रात अमावस्या थी, ऐसे में नहाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर नदी तक जाने की बात विश्वसनीय नहीं लगती। आयोग ने इस मामले में बचाव के लिए आश्रम प्रशासन के सभी दावों को नकार दिया था। आयोग ने यह मानने से भी इनकार कर दिया था कि मृत बालकों के कुछ अंगों को जानवरों ने काटा था।

आश्रम में काला जादू! : संत आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई के पीए महेंद्र चावला ने बापू और उनके बेटे पर आरोप लगाया था कि आश्रम में काला जादू होता है। जिसके बाद पूरे देश में काफी हो हल्ला मचा था। जिसको देखते हुए सरकार ने एक जांच आयोग बना दिया था। महेंद्र चावला ने यह बयान डीके त्रिवेदी आयोग (बापू के आश्रम में हुई घटना में बनाई गई जांच कमेटी) के समक्ष दिया था।

बापू के बेटे भी फंसेः आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई भी उस समय प्रकाश में आ गए जब वे इंदौर में पैसे के लेन देन पर प्रवचन देने से मना कर दिया था। इसके बाद बापू और उनके बेटे पर यह आरोप लगा कि पैसे लेकर ये लोग प्रवचन और सत्संग करते हैं।

आसाराम बापू के आश्रम में तंत्र-मंत्रः अहमदाबाद में आसाराम आश्रम के गुरुकुल में पढ़ने वाले दो छात्रों की संदिग्ध मौत के एक साल बाद गुजरात सरकार ने भी यह खुलासा किया कि आश्रम में तंत्र-मंत्र की क्रियाएं होती थीं। हाईकोर्ट में पेश किए गए एक हलफनामे में कहा गया कि आश्रम के सेवादारों ने इन गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद असलियत छिपाने की कोशिश की। यह खुलासा तीन सेवादारों के 22 जनवरी 09 को कराए गए लाई डिटेक्शन टेस्ट में हुआ।

व्यापारी के लापता होने पर भी लगा बापू पर आरोपः अहमदाबाद. बहुचर्चित दीपेश-अभिषेक रहस्मय मृत्यु मामले में फंसे संत आसाराम बापू का साबरमती आश्रम(मोटेरा) एक नए विवाद में उस समय फंस गए जब आश्रम से कोलकाता मूल का किराना व्यापारी कृष्णप्रसाद हीराभाई जायसवाल (53)नामक व्यक्ति लापता हो गया। घटना 22 नवंबर 08 की रात की है लेकिन चांदखेडा थाने में पीड़ित के संबंधी द्वारा हाल में शिकायत दर्ज कराने पर मामला प्रकाश में आया।

बापू के सात शिष्यों के खिलाफ मामला दर्जः संत आसाराम बापू द्वारा संचालित गुजरात के साबरमती आश्रम (मोटेरा) के 7 साधकों के खिलाफ दो छात्रों (दीपेश और अभिषेक) की जुलाई 08 में हुई रहस्यमय मौत के मामले में सीआईडी-क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया, इनमें से दो आश्रम के संचालक हैं। मृत छात्रों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि आश्रम के साधकों ने तांत्रिक अनुष्ठान के लिए उनके बेटों की बलि चढ़ा दी थी।

हाईकोर्ट की शरण में आरोपीः अहमदाबाद. बहुचर्चित दीपेश-अभिषेक रहस्यमय मृत्यु मामले में लोकसंत आसाराम बापू के साबरमती आश्रम के 7 आरोपी समर्थकों ने गुजरात हाईकोर्ट की शरण ली। न्यायाधीश अकील कुरैशी की अदालत ने इस याचिका पर संज्ञान लेकर जांच एजेंसी अधिकारियों को मामले से संबंधित दस्तावेज के साथ आठ दिसंबर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे। जिसमें आरोपियों को अग्रिम जमानत याचिका दी गई थी जिसे कोर्ट ने इंकार कर दिया।

आसाराम के आश्रम पर पुलिसिया कहरः संत आसाराम बापू और उनके आश्रम के खिलाफ कथित दुष्प्रचार के विरोध में समर्थकों ने हिंसक रैली निकाली थी। कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहे समर्थकों को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। दोनों ओर से जारी भिड़ंत में एसपी समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। डीएसपी पी के रोहित के मुताबिक गोविंदभाई पटेल नामक साधक को रैली के लिए अनुमति दी गई थी।

इसके बाद गांधीनगर में पुलिस ने संत आसाराम बापू के मोटेरा स्थित मुख्य आश्रम में तलाशी ली। इस दौरान एसआरपी जवानों ने आश्रम परिसर को चारों ओर से घेर लिया था ताकि कोई भाग न सके। करीब 40 मिनट तक चली तलाशी के दौरान दो सौ साधक हिरासत में लिए गए। आश्रम में मौजूद 800 बच्चों की देखभाल के लिए केवल 4 साधक वहीं रहने दिए गए हैं।

पुलिस ने बापू के मोक्ष कुटीर, आश्रम मुख्यालय, मुख्यमंदिर, आश्रम के पिछले हिस्से के नदी क्षेत्र स्थित कमरों के अलावा बंद पड़े 10 कमरों के ताले तोड़ कर तलाशी ली। इस दौरान आश्रम के भूमिगत कमरों की भी तलाशी ली गई और छिपने की कोशिश कर रहे साधकों को पकड़ कर बाहर निकाला गया।

बापू ने लगाया गुजरात में हिटलरशाही शासन का आरोप : अहमदाबाद. अपने आश्रम में दो बच्चो की मौत और देश भर में उनके आश्रमों में घट रही घटनाओं के बीच घिरे धर्म गुरु आसाराम बापू ने पहले मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली इसके बाद मोदी सरकार पर भी जमकर बरसे। आसाराम ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में हिटलरशाही है।

26 नवंबर 09 को आसाराम के हजारों साधको ने गांधीनगर की सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया था। गुजरात पुलिस पर साधकों द्वारा किए गए हमले में गांधीनर के एसपी और डीएसपी को घायल हो गए थे। इसका बदला पुलिस ने अगले दिन यानि 27 नवम्बर को आसाराम के साधकों पर जम कर लाठियां भांजी थी।

गौरतलब हैं कि मुख्यमंत्री मोदी के पास ही गृह मंत्रालय का ज़िम्मा है,लिहाज़ा जब मोदी ने आसाराम के आश्रम पर जब गुजरात पुलिस ने छापा मारा तो बापू ने सीधे-सीधे इसे मोदी का अपने ऊपर सुनियोजित हमला करार दिया। बापू ने कहा कि उनके साधक निर्दोष हैं।

आसाराम बापू पर हत्या की कोशिश का केस: आसाराम बापू के खिलाफ उनके पूर्व साधक राजू चंडाक पर जानलेवा हमला करने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। राजू का आरोप था कि उसपर यह हमला आसाराम बापू के इशारे पर किया गया।

राजू चंडक शाम के वक्त अपने ऑफिस से घर की तरफ जा रहे थे तभी अचानक अहमदाबाद के साबरमती इलाके में किसी दो अज्ञात बाइक सवारों ने उनपर अंधाधुन्द हमला शुरू दिया। हमले के बाद राजू ने पुलिस को बताया कि उनपर हमला किसी और ने नहीं बल्कि आसाराम बापू के साधकों ने करवाया। उसके मुताबिक उसपर यह हमला आसाराम बापू के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हुआ है।

गौरतलब है कि आसाराम गुरुकुल के दो बच्चे दीपेश-अभिषेक की मौत के बाद चल रही तफ्तीश में राजू चंडक ने डी.के.त्रिवेदी कमीशन के सामने आसाराम बापू के विरुद्ध बयान दिया था। इस पेशी में में राजू ने आसाराम बापू के बारे में कई सनसनीखेज़ खुलासे किए थे। राजू ने कमीशन के सामने एक हलफनामा भी दायर किया था। इसके अलावा पिछले कुछ समय से राजू ने आसाराम बापू के खिलाफ मोर्चा खोलने में ने अहम भूमिका भी निभाई थी। जिसके बाद पुलिस ने राजू के बयान पर आसाराम बापू के खिलाफ साबरमती थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था।

गिरफ्तारी से डरे आसाराम बापू: अहमदाबाद. आसारामबापू पर उनके पूर्व साधक राजू चंडोक द्वारा दर्ज मुक़दमे के सिलसिले में आसाराम बापू ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगा कर वापस ले ली थी।

संकट में बापू, सरकार ने दिया नोटिस: अहमदाबाद. संत आसाराम बापू की मुश्किलें और बढ़ाते हुए गुजरात सरकार ने उन्हें एक और मुश्किल में तब डाल दिया जब उन्हें यह आदेश मिला कि आश्रम के पास किए अतिक्रमण को वे जल्द से जल्द हठा ले। गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट में बापू के आश्रम के पास अतिक्रमण को लेकर एक जनहित याचिका दर्ज की गई थी। साबरमती में आसाराम बापू ने 66 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर कब्जा कर रखा है।

SC ने बढ़ाई बापू की मुश्किलें: नई दिल्ली. 17 दिसंबर 09 को सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास के एक मामले में आसाराम बापू की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति अलतमस कबीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आसाराम बापू की याचिका की सुनवाई के लिए अगले वर्ष 4 जनवरी की तारीख निर्धारित की है।

आसाराम बापू के खिलाफ उस वक्त आपराधिक साजिश रचने और हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था जब उनके पूर्व निजी सहायक राजू चंडोक ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि आसाराम बापू के इशारे पर कुछ बाइकरों ने उस पर हमले किए थे। राजू ने अपना यह बयान बापू के आश्रम में संदिग्ध परिस्थितियों में दो नन्हे बच्चों की मौत की जांच कर रही टीम के समक्ष दिया था। आसाराम बापू ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।