Friday, January 29, 2010

ठाकरे Terror: 'धमकी सियासत' के महानायक

स्पेशलः महाराष्ट्र में आए दिन शिवसेना की तरफ से घुड़कियों का दौर चलता ही रहता है। चाहे वह किंग खान पर रही हो या फिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर पर। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे अब भले ही उम्र दराज हो गए हों लेकिन उनमें जोश अब भी बाकी है। विभिन्न मुद्दों पर शिवसेना की तरफ से दी गई धमकियां राजनीति के इस खतरनाक चेहरे को दिखा रही हैं।


1 - मुंबई पर हर भारतीय का अधिकार है, इस बयान को मुकेश अंबानी ने दिया था। जिस बात पर शिवसेना प्रमख बाल ठाकरे ने मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर अंबानी को चेतावनी दी है कि वे मराठियों के रास्ते में न आएं तो अच्छा होगा। मुंबई सिर्फ मराठियों की है और उस पर किसी अन्य का दावा हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

2 - ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में शिवसेना ने धमकी दी थी कि अगर आईपीएल मैच मुंबई में होगा तो वे इसका विरोध करेंगे साथ ही किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को मैदान पर नहीं उतरने देंगे।

3 - बाल ठाकरे ने सचिन तेंदुलकर को धमकी भरे लहजे में कहा कि वो अपने खेल पर ध्यान दें और राजनीति में दखल देने की कोशिश न करें। बाल ठाकरे ने सामना में छपे अपने लेख में सचिन के उस बयान के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो पहले भारतीय हैं और बाद में मराठी।

ठाकरे ने सचिन की यह कहकर खिंचाई की है कि सचिन उस समय पैदा भी नहीं हुए थे जब लोगों ने मुंबई को महाराष्ट्र में बनाए रखने के लिए अपना खून बहाया। ठाकरे के मुताबिक सचिन ने खेल की दुनिया में काफी नाम कमाया है और लोग उन्हे प्यार करते हैं इसलिए उन्हे राजनीति में दखल देकर उस कमाई को बर्बाद नहीं करना चाहिए।

4 - बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को भी शिवसेना धमकी दे चुकी है। शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय लेख में शाहरुख़ की दिल्ली की पृष्ठभूमि पर टिप्पणी की थी। ठाकरे सामना मे लिखा था कि शाहरुख़ ख़ान कहते हैं कि वे दिल्लीवाले हैं।

यदि आप दिल्ली के हैं तो महाराष्ट्र क्यों आए हैं? महाराष्ट्र में नाम और धन कमाने आप आते हैं और एक बार जब आपको ये चीजें मिल जाती हैं तो आप उस जगह का नाम जपने लगते हैं जहां से आप आए थे। और महाराष्ट्र के लोगों से अपेक्षा यह की जाती है कि वे अपने ही राज्य में एक शब्द भी न बोलें।


5 - मुंबई में टीवी चैनल आईबीएन लोकमत के दफ्तर में 15 कथित शिवसैनिकों ने हमला किया था। ये लोग चैनल के दफ्तर में घुस आए, फर्नीचर तोड़ दिया, कर्मचारियों से मारपीट की और चैनल के संपादक निखिल वागले पर भी हमला किया।

श्री वागले वरिष्ठ मराठी संपादक हैं और शिवसेना की अतिवादी नीतियों के खिलाफ खुल कर बोलने वाले पत्रकारों में से हैं। हमले को बाद में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सामना में छपे लेख में जायज ठहराया था।

6 - बाल ठाकरे मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। बाल ठाकरे का कहना था कि मीडिया कोई भगवान नहीं है। हालांकि इस बात को कहने के लिए बाल ठाकरे ने मीडिया का ही सहारा लिया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लेख लिखकर बाल ठाकरे ने मुंबई में मीडिया हाउसों पर हुए हमले को जायज बताया। बाल ठाकरे ने लिखा कि शिवसेना प्रमुख के खिलाफ गलत बयानबाजी करने वालों को ठोका, तोड़ा और फोड़ा।

7 - महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दरमिया उद्धव ने राज को धमकाया और कहा था कि 10 के बाद बोला तो खैर नहीं। शिवसेना के कार्यकारी अघ्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को न केवल चूहा बताया बल्कि यह धमकी भी दे दी कि दस अक्टूबर के बाद उसने शिवसेना या बाल ठाकरे के खिलाफ कुछ बोला तो उसकी खैर नहीं होगी।


उद्धव ठाकरे ने जोगेश्वरी की एक सभा में अपने चचेरे भाई और एमएनएस अघ्यक्ष राज ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग शिवसेना-भाजपा की आलोचना कर रहे हैं, मगर कांग्रेस-एनसीपी को छूने की हिम्मत भी नहीं करते।

8 - बाल ठाकरे ने राज ठाकरे के बढ़ते आतंक से अजीज आकर उन्हें जिन्ना करार दिया। उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को चूहा कहा, उन्हें टुक़डे-टुक़डे कर देने की धमकी दी, साथ ही उन्हें बाल ठाकरे की पीठ में छुरा घोपने वाला करार दिया था।

9 - यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव भी शिव सेना के निशाने पर रह चुके हैं। रेलवे में मराठियों को नौकरी न मिलने पर लालू प्रसाद यादव को शिवसेना ने जिम्मेदार ठहराया था। मुखपत्र सामना में आरोप लगाया गया था कि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की वजह से रेलवे में मराठियों को नौकरी नहीं मिल रही है।

10 - भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की इंडियन प्रीमियर लीग को 'उद्योगपतियों का जुआ' बताते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग भी कर चुके हैं। हालांकि इस बात पर भले ही गौर न किया गया हो।

11 - शिवसेना का सबसे बड़ा आतंक उस समय देखने को मिला था जब इनके कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान को पूरे तरह से खोद दिया था। यहां पर भारत और पाकिस्तान का मैच खेला जाना था। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का विरोध कर रहे बाल ठाकरे के इशारे पर भारत और पाक का मैच नहीं हो सका था।

ठाकरे ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को बहाल करने का विरोध किया था और उनकी पार्टी के विरोध के कारण 1979 के बाद से पाकिस्तान मुंबई में कोई टेस्ट मैच नहीं खेल पाया। जिसके काफी दिन बाद बाल ठाकरे ने पाकिस्तानी क्रिकेट से अपने संबंध अच्छे करने के लिए क्रिकेटर मियांदाद से मुलाकात की थी।

भतीजा भी बयानों में बाल ठाकरे से कम नहीं...

शिवसेना छोड़कर मनसे पार्टी बनाने वाले बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे भी सुर्खियों में अपने बयानों के चलते ही बन रहते हैं। उनका सबसे ज्यादा विरोध उत्तर भारतीयों को लेकर रहा है। उत्तर भारतीयों को महाराष्ट्र से बाहर खदेड़ने के लिए, नेताओं को धमकाने, फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन, अमिताभ बच्चन और कई हस्तियों को राज ठाकरे घुटनों के बल खड़ा कर चुके हैं। अभी दो दिन पहले मुकेश अंबानी पर भी राज ठाकरे गरज चुके हैं।

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