Saturday, February 6, 2010

ठाकरे की घुड़की को राहुल का जवाब

बाल ठाकरे और उनके चमचों द्वारा महाराष्ट्र में किए जा रहे नाटकों पर से राहुल गांधी ने मुंबई का दौरा करके पर्दा उठा दिया है।

राहुल के मुंबई दौरे पर ठाकरे की धमकी धरी की धरी रह गई। राहुल आए और बड़ी शान से चले भी गए लेकिन ठाकरे सिर्फ बिल में बैठकर देखते ही रह गए। शिवसेना ने राहुल की मुंबई यात्रा पर कितने ही अभद्र भाषाओं का प्रयोग करके उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन राहुल है कि जो कहते हैं उसे करके दिखा ही देते हैं।

ठाकरे ने तो यहां तक कह दिया था कि राहुल को हम काले झंडे दिखाएंगे लेकिन हुआ जस्ट इसका उल्टा। राहुल की यात्रा को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने पूरी मुंबई को किले में बदलवा दिया था। अब बताओ भला ठाकरे इस किले को कैसे तोड़ सकते थे। मुंबई में राहुल की यात्रा के समय पूरे 22 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए थे।

राहुल गांधी मुंबई जब आए उस समय शिवसेना के 3 सौ कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाने का प्रयास किया। यह बड़े हंसने की बात है कि जहां पर ठाकरे दावा करते हैं कि उनका राज चलता है ऐसे में सिर्फ 3 सौ कार्यकर्ताओं का सड़क पर काले झंड़े लेकर उतरे। राहुल ने ठाकरे की औकात तो याद दिला ही दी साथ ही यह भी बता गए कि अब शेर बूढ़ा हो गया, शिकार करने के दिन लद गए। जंगल में अब नए शेर आ गए हैं। राहुल ने यह भी इशारा कर दिया कि अब घुड़कियां देना बंद करो, समय निकल चुका है, जनता जागरुक हो चुकी है।


अब किसी धमकी या घुड़की से कोई डरने वाला नहीं है। ठाकरे अब तिलमिला कर रह गए हैं कि सिर्फ तीन सौ कार्यकर्ताओं ने राहुल को झंड़े दिखाए, कहां गया मेरा वर्चस्व, कहां गई मेरी दहा़ड़, जिसे सुनकर सामने वाला हिल जाता था। खैर अब सिर्फ दांत पीसने के सिवा ठाकरे जी कोई रास्ता नहीं बचा है। आपको भी अब संभल जाना चाहिए, आपकी उम्र भी काफी हो चुकी है ऐसे में अब धमकी-वमकी देना बंद ही कर दें तो अच्छ रहेगा।

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