Sunday, August 22, 2010

शनि भगवान से अब भाग रहे हैं लोग!

अभी तक मंदिरों में ही देखा जाता रहा है कि यहां पर मौजूद पंड़ित बाहर से आए लोगों से जमकर पैसा वसूलते हैं लेकिन इन दिनों शहरों में भगवान को आगे करके एक और तरीके से पैसा वसूला जा रहा है। यह कोई और नहीं बल्की जल्दी ही क्रोधित हो जाने वाले भगवान शनि हैं। इनके तेज और इनके स्वभाव से आज भी लोग डरे रहते हैं।

शनि भगवान के मंदिर में लोग जाकर जहां पर पूजा करते हैं वहीं आज खुद भगवान घर-घर जाकर चढ़ावा मांग रहे हैं। ऐसा लग रहा है भगवान को भी खाने के लाले पड़ गए हैं। आज कल शहरों में खासकर छोटे-छोटे बच्चे एक छोटी सी बाल्टी लेकर, उसमें भगवान शनिदेव की मूर्ति और उसमें तेल और अगरबस्ती लेकर रोड़ों पर भारी संख्या में देखे जा सकते हैं। यह आमतौर पर शनिवार को ही दिखाई देते हैं लेकिन इतने दिखते हैं कि देखने वाला बोर हो जाता है।

छोटे-छोटे बच्चे रस्ते पर चलते हर आदमी, हर दुकानदार के सामने जाकर पहले तो भगवान को आगे करने के साथ ही कुछ चढ़ावे के लिए भी बार-बार आग्रह करता है। इतना ही नहीं एक लड़के के जाने के तुंरत बाद ही पीछे से एक और लड़का उसी अंदाज में भगवान के नाम पर पैसा मांगता है। हद तो तब हो जाती है जब ये बच्चे तब तक नहीं जाते जब तक उस बाल्टी में कुछ पैसे न डाला जाए।

अब तो इतने बच्चे दिखने लगे हैं कि भगवान की तरफ लोग देखना तक बंद कर दिए हैं, जिस भगवान के दर्शन करने के लिए लोग महाराष्ट्र के शनि शिग्नापुर और अन्य जगह पर जाते हैं और अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए भगवान के सामने मत्था टेकते हैं लेकिन अब तो हद ही हो गई है। अब भगवान स्वयं दर्शन दे रहे हैं। शनि भगवान के नाम पर जितना ही लोग डरते थे अब उतना ही भगवान से लोग पीछा छुड़ाने लग गए हैं।

सही भी है लोगों का जीना दूभर हो गया है, खासकर शनिवार को सड़को पर निकलना दूभर हो जाता है। अगर किसी दुकान पर खड़े होकर चाय पी रहे हो या फिर नाश्ता कर रहे हो तो फिर शनि भगवान को लेकर छोटे बच्चों का आना-जाना लगा रहेगा। और यह बच्चे इतने ढीठ़ होते हैं कि एकदम सिर पर चढ़ आते हैं, कुछ खा रहे हो या पी रहे हो तो मुंह ताकते रहेंगे। जब तक न दो यह बच्चे टस से मस नहीं होते।

हे भगवान क्या अब आपके घर खाने के इतने लाले पड़ गए हैं कि घर-घर जाकर पैसा मांगना पड़ रहा है। अभी तक लोग आपके पास जाते थे अब आप स्वंय लोगों को दर्शन दे रहे हैं लेकिन यह तरीका देख लोग आपसे पीछा छुड़ा रहे हैं।

1 comment:

  1. हम किसी को भी भगवान मानने को तैयार हैं।

    ReplyDelete