आज यह देखकर एक बार फिर हैरानी हुई कि आखिर ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। सरकार चाह कर भी इनके लिए कुछ नहीं कर सकती क्योंकि यह लोग खुद नहीं चाहते कि मुल्क में अमन-चैन आए। आज एक रैली निकाली गई जिसमें देखा गया कि कुछ युवक पाकिस्तानी झंड़े को हवा में लहरा रहे हैं। भारत में इस तरह के किसी भी देश के झंड़े को फहराना एक तरह का अपराध है।
पिछले कुछ दिनों से आग में जल रही घाटी में सुकून के वो पल कब आएंगे यह तो पता नहीं लेकिन आज जिस तरह से यहां पर देखा गया वह हैरान कर देने वाला था हालांकि पिछले कुछ दिनों पर नजर डाले तो यह अपने आपमें कोई पहली घटना नहीं है जब यहां के लोगों ने पाकिस्तानी झंड़े फहराए हैं। पहले भी कई बार इस तरह की हरकतें की जा चुकी हैं।
वैसे यह सब अलगाववादी नेताओं का किया धरा है जो अपने स्वार्थ को सीधा करने के लिए आम लोगों को पहले तो उकसाते हैं उसके बाद इन्हें आगे करके अमन और चैन के रास्तें में कांटे बिछा देते हैं। आम लोगों को चंद रुपए देकर पुलिस पर पत्थरबाजी करवाना, भारतीय झंडे को जलाना, पाकृति सौंदर्य को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाना आखिर कब तक चलेगा। इन लोगों को क्या मिलबैठकर बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, स्वर्ग की घाटी को कब तक जलाया जाएगा।
प्रधानमंत्री चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, यहां पर माहौल आज एक बार फिर से खराब हो गया है लेकिन आज ही क्यों पिछले कितने दिनों से यहां पर क्या हो रहा है वह भारत के लोग ही नहीं पूरा विश्व देख रहा है। दुनिया के सामने हमारी क्या इमेज बन रही होगी, इसकी किसी को खबर नहीं। अब तो सैलानी भी यहां पर आने से डरने लगे हैं।
अमरनाथ यात्रा आतंकी हमले के खौफ में किसी तरह से समाप्त हो गई लेकिन अब इन अलगाववादियों का खौफ बरकरार बना हुआ है। मेरे हिसाब से तो अब यहां पर सरकार को पूरी तरह से आगे आना चाहिए क्योंकि मुझे तो अब नहीं लगता कि बैठकर कोई रास्ता निकाला जा सकता है।
पिछले कुछ दिनों से आग में जल रही घाटी में सुकून के वो पल कब आएंगे यह तो पता नहीं लेकिन आज जिस तरह से यहां पर देखा गया वह हैरान कर देने वाला था हालांकि पिछले कुछ दिनों पर नजर डाले तो यह अपने आपमें कोई पहली घटना नहीं है जब यहां के लोगों ने पाकिस्तानी झंड़े फहराए हैं। पहले भी कई बार इस तरह की हरकतें की जा चुकी हैं।
वैसे यह सब अलगाववादी नेताओं का किया धरा है जो अपने स्वार्थ को सीधा करने के लिए आम लोगों को पहले तो उकसाते हैं उसके बाद इन्हें आगे करके अमन और चैन के रास्तें में कांटे बिछा देते हैं। आम लोगों को चंद रुपए देकर पुलिस पर पत्थरबाजी करवाना, भारतीय झंडे को जलाना, पाकृति सौंदर्य को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाना आखिर कब तक चलेगा। इन लोगों को क्या मिलबैठकर बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, स्वर्ग की घाटी को कब तक जलाया जाएगा।
प्रधानमंत्री चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, यहां पर माहौल आज एक बार फिर से खराब हो गया है लेकिन आज ही क्यों पिछले कितने दिनों से यहां पर क्या हो रहा है वह भारत के लोग ही नहीं पूरा विश्व देख रहा है। दुनिया के सामने हमारी क्या इमेज बन रही होगी, इसकी किसी को खबर नहीं। अब तो सैलानी भी यहां पर आने से डरने लगे हैं।
अमरनाथ यात्रा आतंकी हमले के खौफ में किसी तरह से समाप्त हो गई लेकिन अब इन अलगाववादियों का खौफ बरकरार बना हुआ है। मेरे हिसाब से तो अब यहां पर सरकार को पूरी तरह से आगे आना चाहिए क्योंकि मुझे तो अब नहीं लगता कि बैठकर कोई रास्ता निकाला जा सकता है।
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