विशेषः आध्यात्मिक गुरू माने जाने वाले आसाराम बापू के सत्संग में हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ता है लेकिन विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में चार छात्रों की मौत के बाद जो खुलासा हुआ उससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि आश्रम में कहीं ना कहीं कुछ उलटफेर जरूर हो रहा है। छात्रों की मौत, व्यापारी का लापता होना, चांडक पर जानलेवा हमला यह साबित करता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। आइए पूरे मामले पर नजर डालते हैं...
अहमदाबाद. आध्यात्मिक गुरू माने जाने वाले आसाराम बापू के आश्रम स्थित गुरुकुल में दो छात्रों की 3 व 5 जुलाई को संदिग्ध परिस्थतियों में हुई मौत का मामला प्रकाश में आया पिछले साल 3 जुलाई को लापता दोनों बालकों दीपेश व अभिषेक के शव 5 जुलाई 2008 को आश्रम परिसर में मिलने से सनसनी फैल गई थी। वे दोनों चचेरे भाई थे।
इसके बाद बापू की मुश्किलें एक बार फिर और बढ़ गई जब मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम बापू ट्रस्ट द्वारा चलाए जाने वाले एक स्कूल में भी (31 जुलाई 2008) तीन दिनों में दो बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। ये बच्चे भी बापू ट्रस्ट के द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल में पढ़ते थे जो नदी के पास में स्थित है। वेदांत (छात्र) और रामकृष्ण यादव की लाश स्कूल के बाथरूम में पाई गई थी।
मामले की जांच कर रहे आयोग ने इस बात पर संदेह जताया कि घटना की रात दोनों बालक स्नान करने के लिए साबरमती नदी में गए थे। आयोग के मुताबिक उस रात अमावस्या थी, ऐसे में नहाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर नदी तक जाने की बात विश्वसनीय नहीं लगती। आयोग ने इस मामले में बचाव के लिए आश्रम प्रशासन के सभी दावों को नकार दिया था। आयोग ने यह मानने से भी इनकार कर दिया था कि मृत बालकों के कुछ अंगों को जानवरों ने काटा था।
आश्रम में काला जादू! : संत आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई के पीए महेंद्र चावला ने बापू और उनके बेटे पर आरोप लगाया था कि आश्रम में काला जादू होता है। जिसके बाद पूरे देश में काफी हो हल्ला मचा था। जिसको देखते हुए सरकार ने एक जांच आयोग बना दिया था। महेंद्र चावला ने यह बयान डीके त्रिवेदी आयोग (बापू के आश्रम में हुई घटना में बनाई गई जांच कमेटी) के समक्ष दिया था।
बापू के बेटे भी फंसेः आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई भी उस समय प्रकाश में आ गए जब वे इंदौर में पैसे के लेन देन पर प्रवचन देने से मना कर दिया था। इसके बाद बापू और उनके बेटे पर यह आरोप लगा कि पैसे लेकर ये लोग प्रवचन और सत्संग करते हैं।
आसाराम बापू के आश्रम में तंत्र-मंत्रः अहमदाबाद में आसाराम आश्रम के गुरुकुल में पढ़ने वाले दो छात्रों की संदिग्ध मौत के एक साल बाद गुजरात सरकार ने भी यह खुलासा किया कि आश्रम में तंत्र-मंत्र की क्रियाएं होती थीं। हाईकोर्ट में पेश किए गए एक हलफनामे में कहा गया कि आश्रम के सेवादारों ने इन गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद असलियत छिपाने की कोशिश की। यह खुलासा तीन सेवादारों के 22 जनवरी 09 को कराए गए लाई डिटेक्शन टेस्ट में हुआ।
व्यापारी के लापता होने पर भी लगा बापू पर आरोपः अहमदाबाद. बहुचर्चित दीपेश-अभिषेक रहस्मय मृत्यु मामले में फंसे संत आसाराम बापू का साबरमती आश्रम(मोटेरा) एक नए विवाद में उस समय फंस गए जब आश्रम से कोलकाता मूल का किराना व्यापारी कृष्णप्रसाद हीराभाई जायसवाल (53)नामक व्यक्ति लापता हो गया। घटना 22 नवंबर 08 की रात की है लेकिन चांदखेडा थाने में पीड़ित के संबंधी द्वारा हाल में शिकायत दर्ज कराने पर मामला प्रकाश में आया।
बापू के सात शिष्यों के खिलाफ मामला दर्जः संत आसाराम बापू द्वारा संचालित गुजरात के साबरमती आश्रम (मोटेरा) के 7 साधकों के खिलाफ दो छात्रों (दीपेश और अभिषेक) की जुलाई 08 में हुई रहस्यमय मौत के मामले में सीआईडी-क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया, इनमें से दो आश्रम के संचालक हैं। मृत छात्रों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि आश्रम के साधकों ने तांत्रिक अनुष्ठान के लिए उनके बेटों की बलि चढ़ा दी थी।
हाईकोर्ट की शरण में आरोपीः अहमदाबाद. बहुचर्चित दीपेश-अभिषेक रहस्यमय मृत्यु मामले में लोकसंत आसाराम बापू के साबरमती आश्रम के 7 आरोपी समर्थकों ने गुजरात हाईकोर्ट की शरण ली। न्यायाधीश अकील कुरैशी की अदालत ने इस याचिका पर संज्ञान लेकर जांच एजेंसी अधिकारियों को मामले से संबंधित दस्तावेज के साथ आठ दिसंबर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे। जिसमें आरोपियों को अग्रिम जमानत याचिका दी गई थी जिसे कोर्ट ने इंकार कर दिया।
आसाराम के आश्रम पर पुलिसिया कहरः संत आसाराम बापू और उनके आश्रम के खिलाफ कथित दुष्प्रचार के विरोध में समर्थकों ने हिंसक रैली निकाली थी। कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहे समर्थकों को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। दोनों ओर से जारी भिड़ंत में एसपी समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। डीएसपी पी के रोहित के मुताबिक गोविंदभाई पटेल नामक साधक को रैली के लिए अनुमति दी गई थी।
इसके बाद गांधीनगर में पुलिस ने संत आसाराम बापू के मोटेरा स्थित मुख्य आश्रम में तलाशी ली। इस दौरान एसआरपी जवानों ने आश्रम परिसर को चारों ओर से घेर लिया था ताकि कोई भाग न सके। करीब 40 मिनट तक चली तलाशी के दौरान दो सौ साधक हिरासत में लिए गए। आश्रम में मौजूद 800 बच्चों की देखभाल के लिए केवल 4 साधक वहीं रहने दिए गए हैं।
पुलिस ने बापू के मोक्ष कुटीर, आश्रम मुख्यालय, मुख्यमंदिर, आश्रम के पिछले हिस्से के नदी क्षेत्र स्थित कमरों के अलावा बंद पड़े 10 कमरों के ताले तोड़ कर तलाशी ली। इस दौरान आश्रम के भूमिगत कमरों की भी तलाशी ली गई और छिपने की कोशिश कर रहे साधकों को पकड़ कर बाहर निकाला गया।
बापू ने लगाया गुजरात में हिटलरशाही शासन का आरोप : अहमदाबाद. अपने आश्रम में दो बच्चो की मौत और देश भर में उनके आश्रमों में घट रही घटनाओं के बीच घिरे धर्म गुरु आसाराम बापू ने पहले मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली इसके बाद मोदी सरकार पर भी जमकर बरसे। आसाराम ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में हिटलरशाही है।
26 नवंबर 09 को आसाराम के हजारों साधको ने गांधीनगर की सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया था। गुजरात पुलिस पर साधकों द्वारा किए गए हमले में गांधीनर के एसपी और डीएसपी को घायल हो गए थे। इसका बदला पुलिस ने अगले दिन यानि 27 नवम्बर को आसाराम के साधकों पर जम कर लाठियां भांजी थी।
गौरतलब हैं कि मुख्यमंत्री मोदी के पास ही गृह मंत्रालय का ज़िम्मा है,लिहाज़ा जब मोदी ने आसाराम के आश्रम पर जब गुजरात पुलिस ने छापा मारा तो बापू ने सीधे-सीधे इसे मोदी का अपने ऊपर सुनियोजित हमला करार दिया। बापू ने कहा कि उनके साधक निर्दोष हैं।
आसाराम बापू पर हत्या की कोशिश का केस: आसाराम बापू के खिलाफ उनके पूर्व साधक राजू चंडाक पर जानलेवा हमला करने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। राजू का आरोप था कि उसपर यह हमला आसाराम बापू के इशारे पर किया गया।
राजू चंडक शाम के वक्त अपने ऑफिस से घर की तरफ जा रहे थे तभी अचानक अहमदाबाद के साबरमती इलाके में किसी दो अज्ञात बाइक सवारों ने उनपर अंधाधुन्द हमला शुरू दिया। हमले के बाद राजू ने पुलिस को बताया कि उनपर हमला किसी और ने नहीं बल्कि आसाराम बापू के साधकों ने करवाया। उसके मुताबिक उसपर यह हमला आसाराम बापू के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हुआ है।
गौरतलब है कि आसाराम गुरुकुल के दो बच्चे दीपेश-अभिषेक की मौत के बाद चल रही तफ्तीश में राजू चंडक ने डी.के.त्रिवेदी कमीशन के सामने आसाराम बापू के विरुद्ध बयान दिया था। इस पेशी में में राजू ने आसाराम बापू के बारे में कई सनसनीखेज़ खुलासे किए थे। राजू ने कमीशन के सामने एक हलफनामा भी दायर किया था। इसके अलावा पिछले कुछ समय से राजू ने आसाराम बापू के खिलाफ मोर्चा खोलने में ने अहम भूमिका भी निभाई थी। जिसके बाद पुलिस ने राजू के बयान पर आसाराम बापू के खिलाफ साबरमती थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था।
गिरफ्तारी से डरे आसाराम बापू: अहमदाबाद. आसारामबापू पर उनके पूर्व साधक राजू चंडोक द्वारा दर्ज मुक़दमे के सिलसिले में आसाराम बापू ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगा कर वापस ले ली थी।
संकट में बापू, सरकार ने दिया नोटिस: अहमदाबाद. संत आसाराम बापू की मुश्किलें और बढ़ाते हुए गुजरात सरकार ने उन्हें एक और मुश्किल में तब डाल दिया जब उन्हें यह आदेश मिला कि आश्रम के पास किए अतिक्रमण को वे जल्द से जल्द हठा ले। गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट में बापू के आश्रम के पास अतिक्रमण को लेकर एक जनहित याचिका दर्ज की गई थी। साबरमती में आसाराम बापू ने 66 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर कब्जा कर रखा है।
SC ने बढ़ाई बापू की मुश्किलें: नई दिल्ली. 17 दिसंबर 09 को सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास के एक मामले में आसाराम बापू की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति अलतमस कबीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आसाराम बापू की याचिका की सुनवाई के लिए अगले वर्ष 4 जनवरी की तारीख निर्धारित की है।
आसाराम बापू के खिलाफ उस वक्त आपराधिक साजिश रचने और हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था जब उनके पूर्व निजी सहायक राजू चंडोक ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि आसाराम बापू के इशारे पर कुछ बाइकरों ने उस पर हमले किए थे। राजू ने अपना यह बयान बापू के आश्रम में संदिग्ध परिस्थितियों में दो नन्हे बच्चों की मौत की जांच कर रही टीम के समक्ष दिया था। आसाराम बापू ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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