तीसरी बार जीत की हैट्रिक। क्रिकेट के शब्दों में कहें तो ट्रिपल सेंचुरी। जी हां। हम बात कर रहे हैं दबंग - 3 मतलब नरेन्द्र मोदी की। पांच साल की पिच पर नरेन्द्र मोदी ने निर्भीकता और निडरता के साथ चौके-छक्के लगाकर एक बार फिर से इतिहास रच दिया। विरोधियों ने कितने ही वार किए लेकिन मोदी ने जिस धैर्य के साथ काम लिया, आज वह पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल बन गई है। 115 सीट पर मोदी की जय...। हांलाकि पिछली बार से एक सीट कम लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक सीट की कोई अहमियत नहीं।
तीसरी बार मुख्यमंत्री की गद्दी पर काबिज होने के बाद जब मोदी पहली बार गुजरात की जनता के सामने आए तो उन्हें भावुक अंदाज में देखा गया। यह जीत मोदी की नहीं बल्कि 6 करोड़ गुजरातियों की है...यह वाक्य जब मोदी के मुख से निकला तो तालियों की गड़गड़ाहट सुनने लायक थी। लगभग 30 मिनट के भाषण में मोदी ने 100 से ज्यादा बार गुजरात की जनता का कोटि-कोटि अभिनंदन किया। ऐसा पहली बार किसी मुख्यमंत्री की सभा में देखा गया जिसने अपनी जीत का पूरा श्रेय जनता को दिया।
विरोधियों ने मोदी के ऊपर पिछले पांच साल में जमकर कीचड़ उछाले लेकिन गुजरात की जनता ने उसको धो डाला। वोट का इतना पर्सेंटेज देखकर एक बार तो मोदी भी हैरान-परेशान हो गए थे। यहां तक उन्होंने मीटिंग तक बुला ली थी कि इतने वोट पड़ने के मायने क्या हो सकते हैं, कहीं कुछ...। लेकिन मोदी की शंका को गुजरात की जनता ने दरकिनार कर दिया।
जितनी धमाकेदार वोटिंग हुई थी, उतने ही धमाकेदार अंदाज में मोदी ने विजय पताका फहराई। जनता का यह उत्साह देखकर मोदी से रहा नहीं गया। उन्होंने अपने भाषण के हर शब्द में जनता रूपी भगवान का गुणगान किया। मोदी को शायद यकीन नहीं था कि उन्हें इतना जबरदस्त समर्थन मिलेगा। ऐसा माना जा रहा था कि मोदी को मुस्लिम वोट से महरूम होना पड़ेगा लेकिन गुजरात की जनता ने इसे झुठला दिया। पूरी दुनिया को गुजरात ने यह दिखा कि सिर्फ विकास ही वोटिंग का आधार होना चाहिए। ज्यादती दुश्मनी, जाति - पाति के आधार पर वोट से फायदा तो कम लेकिन भविष्य अंधकारमय जरूर हो जाएगा...यह बात गुजरात की जनता ने दिखा दिया। गुजरात के 6 करोड़ लोगों ने 121 करोड़ देशवाशियों को एक नया रास्ता दिखाया है, एक संदेश दिया है। मोदी ने भी गुजरात की जनता को पूरे देश के सामने एक आईडियल के रूप में प्रस्तुत किया।
तीसरी बार मुख्यमंत्री की गद्दी पर काबिज होने के बाद जब मोदी पहली बार गुजरात की जनता के सामने आए तो उन्हें भावुक अंदाज में देखा गया। यह जीत मोदी की नहीं बल्कि 6 करोड़ गुजरातियों की है...यह वाक्य जब मोदी के मुख से निकला तो तालियों की गड़गड़ाहट सुनने लायक थी। लगभग 30 मिनट के भाषण में मोदी ने 100 से ज्यादा बार गुजरात की जनता का कोटि-कोटि अभिनंदन किया। ऐसा पहली बार किसी मुख्यमंत्री की सभा में देखा गया जिसने अपनी जीत का पूरा श्रेय जनता को दिया।
विरोधियों ने मोदी के ऊपर पिछले पांच साल में जमकर कीचड़ उछाले लेकिन गुजरात की जनता ने उसको धो डाला। वोट का इतना पर्सेंटेज देखकर एक बार तो मोदी भी हैरान-परेशान हो गए थे। यहां तक उन्होंने मीटिंग तक बुला ली थी कि इतने वोट पड़ने के मायने क्या हो सकते हैं, कहीं कुछ...। लेकिन मोदी की शंका को गुजरात की जनता ने दरकिनार कर दिया।
जितनी धमाकेदार वोटिंग हुई थी, उतने ही धमाकेदार अंदाज में मोदी ने विजय पताका फहराई। जनता का यह उत्साह देखकर मोदी से रहा नहीं गया। उन्होंने अपने भाषण के हर शब्द में जनता रूपी भगवान का गुणगान किया। मोदी को शायद यकीन नहीं था कि उन्हें इतना जबरदस्त समर्थन मिलेगा। ऐसा माना जा रहा था कि मोदी को मुस्लिम वोट से महरूम होना पड़ेगा लेकिन गुजरात की जनता ने इसे झुठला दिया। पूरी दुनिया को गुजरात ने यह दिखा कि सिर्फ विकास ही वोटिंग का आधार होना चाहिए। ज्यादती दुश्मनी, जाति - पाति के आधार पर वोट से फायदा तो कम लेकिन भविष्य अंधकारमय जरूर हो जाएगा...यह बात गुजरात की जनता ने दिखा दिया। गुजरात के 6 करोड़ लोगों ने 121 करोड़ देशवाशियों को एक नया रास्ता दिखाया है, एक संदेश दिया है। मोदी ने भी गुजरात की जनता को पूरे देश के सामने एक आईडियल के रूप में प्रस्तुत किया।
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