न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह से हरभजन सिंह ने बल्लेबाजी की उसे देखकर तो यही लगता है जैसे अब भज्जी अपना स्टाइल बदलना चाहते हों। अहमदाबाद में पहला शतक और अब हैदराबाद में 111 रन की नाबाद पारी खेलकर हरभजन शायद यही जताना चाहते हैं कि उनकी गेंदबाजी में अब भले ही वह धार न रही हो लेकिन बल्लेबाजी में वे विपक्षी टीम को धूल चटा सकते हैं।
आज हैदराबाद टेस्ट के चौथे दिन हरभजन सिंह ने गेंदबाजी तो की लेकिन उनकी गेंद को किवी बल्लेबाजों ने जमकर प्रहार किया। टीम इंडिया के पहली पारी में लीड लेने के बाद दूसरी पारी की शुरुआत करने जब किवी बल्लेबाजी करने उतरे तो यही लग रहा था कि भज्जी शानदार बल्लेबाजी के साथ अब गेंदबाजी में भी जलवा दिखाएंगे। लेकिन लोगों का यह मानना बिल्कुल गलत साबित हुआ।
दूसरी पारी के चौथे दिन के खेल खत्म होने तक न्यूजीलैंड ने चार विकेट पर 237 रन बनाए। जिसमें से प्रज्ञान ओझा को दो विकेट, श्रीसंथ को एक विकेट और सुरैश रैना को एक विकेट मिला। लेकिन भज्जी के खाते में एक भी विकेट नहीं जा पाया।
भाई किसी को लगता हो या न लगता हो लेकिन मेरा जहां तक मानना है भज्जी का मूड चेंज होता दिखाई दे रहा है। तभी तो जिस आक्रामक रवैये के साथ हर गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचा रहे थे, उसे देखकर तो यही लग रहा था जैसे अब भज्जी ने दूसरी राह पकड़ ली हो। वो टीम इंडिया को यह शायद दिखाना चाहते हैं कि अब उन्हें वन डाउन या फिर टो डाउन पर उतारा जाए।
भज्जी ने जिस अंदाज में खेला वह वाकई में एक चमत्कार था। आंखों को विश्वास नहीं हो रहा था कि क्रीज पर भज्जी बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे सहवाग या सचिन चौका छक्का जमा रहे हों। खैर कोई बात नहीं भज्जी जी अगर आप अपना ट्रेंड चेंज करके ऐसे ही चौके-छक्के की बारिश करते रहेंगे तो आप वन डाउन पर जरूर आ जाएंगे।
आज हैदराबाद टेस्ट के चौथे दिन हरभजन सिंह ने गेंदबाजी तो की लेकिन उनकी गेंद को किवी बल्लेबाजों ने जमकर प्रहार किया। टीम इंडिया के पहली पारी में लीड लेने के बाद दूसरी पारी की शुरुआत करने जब किवी बल्लेबाजी करने उतरे तो यही लग रहा था कि भज्जी शानदार बल्लेबाजी के साथ अब गेंदबाजी में भी जलवा दिखाएंगे। लेकिन लोगों का यह मानना बिल्कुल गलत साबित हुआ।
दूसरी पारी के चौथे दिन के खेल खत्म होने तक न्यूजीलैंड ने चार विकेट पर 237 रन बनाए। जिसमें से प्रज्ञान ओझा को दो विकेट, श्रीसंथ को एक विकेट और सुरैश रैना को एक विकेट मिला। लेकिन भज्जी के खाते में एक भी विकेट नहीं जा पाया।
भाई किसी को लगता हो या न लगता हो लेकिन मेरा जहां तक मानना है भज्जी का मूड चेंज होता दिखाई दे रहा है। तभी तो जिस आक्रामक रवैये के साथ हर गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचा रहे थे, उसे देखकर तो यही लग रहा था जैसे अब भज्जी ने दूसरी राह पकड़ ली हो। वो टीम इंडिया को यह शायद दिखाना चाहते हैं कि अब उन्हें वन डाउन या फिर टो डाउन पर उतारा जाए।
भज्जी ने जिस अंदाज में खेला वह वाकई में एक चमत्कार था। आंखों को विश्वास नहीं हो रहा था कि क्रीज पर भज्जी बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे सहवाग या सचिन चौका छक्का जमा रहे हों। खैर कोई बात नहीं भज्जी जी अगर आप अपना ट्रेंड चेंज करके ऐसे ही चौके-छक्के की बारिश करते रहेंगे तो आप वन डाउन पर जरूर आ जाएंगे।