Monday, November 18, 2013

ऐसा लगा जैसे विश्व की बेटी अपने मायके जा रही हो...!!!

आज ऐसा लगा रहा है जैसे एक युग का अंत हो गया...। किसी को यकीन नहीं हो रहा है...। हर कोई स्तब्ध है...। सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, लेकिन उसका असली प्रमाण आज मिल गया। मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम...वेस्टइंडीज की दूसरी पारी...लास्ट विकेट...। जैसे ही यह विकेट गिरा हर शख्स स्तब्ध रह गया...। मानो सब यही सोच रहे थे कि काश यह आखिरी टेस्ट कभी खत्म ही न हो...। जी भरकर लोग अपने भगवान को देख लेना चाहता था...। लेकिन इस भगवान ने तो पहले ही फैसला कर लिया था...। सचिन क्रिकेट से सन्यास ले चुके थे...। आज कैमरा जिधर जाता...जिस चेहरे पर फोकस करता...वो अवाक था...। आंख में आंसुओं का सैलाब...और दिल में सचिन के लिए प्यार...। लोगों के इसी प्यार ने आज सचिन को भी रोने पर मजबूर कर दिया। आज तक सचिन को इतना दुखी नहीं देखा गया...। वो अपने जज्बात को चाहकर भी नहीं संभाल पा रहे थे...। सचिन कभी अपनी टोपी को ऊपर तो कभी नीचे करते हुए नजर आए लेकिन उनका दर्द बाहर आता साफ-साफ दिख रहा था।

आखिरी स्पीच में सचिन ने एक बार फिर से सबको रुला दिया...। इतना भावुक भाषण आज तक शायद किसी ने दी होगी...। बचपन से लेकर आज तक...हर उस इंसान को सचिन ने याद किया जिसका योगदान उनकी जिंदगी में रहा है। मां-बाप, भाई-बहन, दोस्त-यार, कोच-डॉक्टर, टीचर, टीम इंडिया...अपने साथी खिलाड़ियों को उन्होंने दिल से धन्यवाद किया। क्रिकेट की पिच से हमेशा के लिए इस भगवान ने विदा ले ली लेकिन हर दिल में सचिन नाबाद पारी खेलते ही रहेंगे। गुडबाय सचिन...।

वो दिन में ही कोई ख्वाब देख रहा है...। लेकिन हकीकत तो यही है कि सचिन ने आज क्रिकेट को अलविदा कह दिया...। क्रिकेट देखने वाला और न देखने वाला...आज हर आंख में आंसू थे...। कोई दहाड़े मारकर रोया...किसी ने बिना सिसकी लिए गम के आंसुओं को बहने दिया...किसी ने चश्मे के अंदर अपने जज्बातों को कंट्रोल करने का नौंटकी किया तो किसी का दिल तड़पकर रह गया...। मानो ऐसा लग रहा था जैसे-पूरे विश्व की बेटी आज घर से विदा होकर अपने मायके जा रही हो।

No comments:

Post a Comment