इस पहले मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को 4-1 से हरा दिया। पाक खिलाड़ियों ने पूरा संघर्ष करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय खिलाड़ी इन पर शुरुआत से ही हावी रहे।
यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि हॉकी भारत का नेशनल खेल है लेकिन भारत में जिस तरह से क्रिकेट को भगवान की तरह से पूजा जा रहा है उसे देखते हुए अब तो यही लगता है कि हॉकी का दिन लदता जा रहा है।
क्रिकेट मैच में पारी के अंत में मैन ऑफ द मैच या फिर मैन ऑफ द सिरीज देने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्री या फिर बड़े नेता या बिजनेसमैन शिरकत करते हैं और इन्हें इनाम के रूप भरपूर पैसा दिया जाता है लेकिन यहां पर कल अजीब ही माहौल देखने को मिला।
भारत में हॉकी विश्व कप हो रहा है ऐसे में तो बड़े लोगों और बिजनेसमैनों को खुलकर आगे आना चाहिए लेकिन कल भारतीय खिलाड़ी संदीप सिंह (2 गोल) को मैन ऑफ द मैच देने के लिए कोई बड़ा नेता या बड़ा बिजनेसमैन उपस्थित नहीं था। हालांकि कलमाड़ी ने हॉकी खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा कर दी है।
कितना बड़ा अंतर है क्रिकेट टीम के लिए इतना कुछ किया जाता है लेकिन हॉकी टीम को कोई प्रोत्साहन नहीं। पैसे से लेकर उन्हें अपनी पहचान बनाने तक के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हमारे देश में जिस खेल को पहले भगवान का दर्जा दिया गया था अब वहां पर किसी और खेल का प्रभुत्व स्थापित होता जा रहा है।