Sunday, February 28, 2010

हॉकी विश्व कपः भारतीय खिलाड़ियों की उपेक्षा

12वां हॉकी विश्व कप इस बार भारत में खेला जा रहा है जिसमें 28 फरवरी को पहला मैच नई दिल्ली में खेला गया। पहले दिन तीन मैच हुए जिनमें से आखिरी मैच भारत और पाकिस्तान के बीच था। यह तो स्वाभाविक है कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हो या फिर हॉकी मैच लोगों में अलग ही दिलचस्पी रहती है।

इस पहले मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को 4-1 से हरा दिया। पाक खिलाड़ियों ने पूरा संघर्ष करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय खिलाड़ी इन पर शुरुआत से ही हावी रहे।

यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि हॉकी भारत का नेशनल खेल है लेकिन भारत में जिस तरह से क्रिकेट को भगवान की तरह से पूजा जा रहा है उसे देखते हुए अब तो यही लगता है कि हॉकी का दिन लदता जा रहा है।

क्रिकेट मैच में पारी के अंत में मैन ऑफ मैच या फिर मैन ऑफ सिरीज देने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्री या फिर बड़े नेता या बिजनेसमैन शिरकत करते हैं और इन्हें इनाम के रूप भरपूर पैसा दिया जाता है लेकिन यहां पर कल अजीब ही माहौल देखने को मिला।

भारत में हॉकी विश्व कप हो रहा है ऐसे में तो बड़े लोगों और बिजनेसमैनों को खुलकर आगे आना चाहिए लेकिन कल भारतीय खिलाड़ी संदीप सिंह (2 गोल) को मैन ऑफ मैच देने के लिए कोई बड़ा नेता या बड़ा बिजनेसमैन उपस्थित नहीं था। हालांकि कलमाड़ी ने हॉकी खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा कर दी है।

कितना बड़ा अंतर है क्रिकेट टीम के लिए इतना कुछ किया जाता है लेकिन हॉकी टीम को कोई प्रोत्साहन नहीं। पैसे से लेकर उन्हें अपनी पहचान बनाने तक के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हमारे देश में जिस खेल को पहले भगवान का दर्जा दिया गया था अब वहां पर किसी और खेल का प्रभुत्व स्थापित होता जा रहा है।

2 comments:

  1. सच्ची और अच्छी बात - हाकी और खिलाडियों को भी पूर्ण प्रोत्साहन मिलना चाहिए - होली की हार्दिक बधाई

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  2. इस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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