Sunday, March 7, 2010

धर्म की आड़ में ये क्या हो रहा है

देश में मौजूदा समय में चल रहे ढोंगी बाबाओं के मायाजाल से पूरे संत समाज पर बदनुमा दाग लग गया है। धर्म की आड़ में ये बाबा लोगों को सिर्फ पैसा कमाने का साधन बना रखा है बल्कि उनका शोषण भी शुरु कर दिया है। देश मे एक के बाद एक बाबाओं की काली करतूतों का जिस तरह से पर्दाफाश हुआ उसे देखकर लोगों में संत समाज से विश्वास उठता जा रहा है।

धर्म के नाम पर अश्लीलता करने वाले इच्छाधारी बाबाओं के खिलाफ हालांकि प्रशासन के रूख कुछ कड़े हो गए हैं लेकिन इतना भर कर देने से क्या लोगों को अब धर्म के नाम पर बरगलाया नहीं जाएगा। जिस तरह से प्रतापगढ़ में कृपालु महाराज के आश्रम में खाने के नाम पर मौत बांटी गई उसे देखकर यही लगता है कि आज यदि देश में इतनी गरीबी होती तो क्या आश्रम में बड़ी संख्या में लोग बर्तन और खाना लेने गए होते।

आश्रम में 63 लोग मौत के गाल में समा गए लेकिन कृपालु महाराज ने कहा हमने कुछ नहीं किया यह सब प्रभू का किया धरा है। अब बताओ किसी भी संत-महात्मा को किसने यह अधिकार दिया कि लोगों की जान के साथ पैसा और बर्तन बांटकर खिलवाड़ करें।

इसके पहले दिल्ली में पकड़े गए इच्छाधारी बाबा और केरल के नित्यानंद स्वामी ने तो सारी हदें पार कर दी। ये बाबा धर्म की चादर ओढ़कर अश्लीलता करते हुए पकड़े गए। इच्छाधारी बाबा पर पुलिस ने मकोका लगा दिया तो नित्यानंद अपने किए पर सफाई दे रहे हैं। इसके भी पहले संत आसाराम बापू के आश्रम में तंत्र-मंत्र करने का भंड़ाफूट चुका है। इनके आश्रम में चार मासूम बच्चों के शव बरामद हुआ तो दूसरी तरफ इन पर हत्या का मामला भी दर्ज हुआ।

इन सभी घटनाओं के बाद यही लगता है कि देश में जहां पर एक बड़ा वर्ग गरीबी का दंश झेल रहा है वहीं पर ऐसे ढोंगी बाबाओं का इन पर कहर कब तक जारी रहेगा। भोली-भाली जनता कब तक इन बाबाओं के मकड़जाल में फंसते रहेंगे। जब तक हमारा प्रशासन इनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तब तक ऐसे बाबाओं की काली करतूतें सामने आती ही रहेंगी।

No comments:

Post a Comment